Mitti se bana Sona
A short poem created by me
धन दौलत तो बहुत मांगते पर तू मांगना मिटटी से बना सोना
धन दौलत तो बहुत मांगते पर तू मांगना मिटटी से बना सोना
राह में आएंगे कांटे सौ, पर तू एक आंसू न रोना
चले जायेंगे वो जो कहते थे की न जायेंगे, पर तू खुद में ही न खोना
धन दौलत तो बहुत मांगते पर तू मांगना मिटटी से बना सोना
धन दौलत तो बहुत मांगते पर तू मांगना मिटटी से बना सोना
यह सोना नहीं बना सकता कोई सुनार
यह सोना नहीं बना सकता कोई भी दुकान दार
इसलिए तोः कहता
धन दौलत तो बहुत मांगते पर तू मांगना मिटटी से बना सोना
धन दौलत तो बहुत मांगते पर तू मांगना मिटटी से बना सोना
यह तो सच है विपात्ति और संपत्ति दोनों ही काट रही जीवन को
जो मिटटी से बना सोना ना पा सके वो देखेंगे सूर्य को
धन दौलत तो बहुत मांगते पर तू मांगना मिटटी से बना सोना
धन दौलत तो बहुत मांगते पर तू मांगना मिटटी से बना सोना
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